शेयर बाजार में निवेश करते समय अक्सर आप न्यूज़ में पेनी स्टॉक्स के बारे में सुनते हैं जिसमें बोला जाता है कि कुछ ही महीनों, हफ्तों या दिनों में किसी पैनी स्टॉक ने दिए हजारों फीसदी रिटर्न और निवेशकों को कर दिया मालामाल…
या फिर कंगाल….
Multibagger Penny Stocks खरीद कर केवल कुछ महीनों में ही अपने पैसों को 2 गुना, 3 गुना या 10 गुना कर सकते हैं
क्या यह संभव है?
जवाब है ‘हां’
लेकिन पेनी स्टॉक में जोखिम (Risk) का कितना है? क्या कोई ऐसा तरीका है जिसके द्वारा आप पेनी स्टॉक्स में निवेश करके कम से कम पैसों पर ज्यादा से ज्यादा शानदार रिटर्न कमा सकें?
मैं आपको गारंटी दे सकता हूं अगर आपने अच्छा पेनी स्टॉक ढूंढना सीख लिया तो भले ही आपके पास कम पैसा हो आप उस पैसे को केवल कुछ ही हफ्तों या महीनों में कई गुना सकते हैं.
पेनी स्टॉक्स के रिस्की होने के ये 5 कारण हर एक निवेशक को पता होना चाहिए
1. जानकारी का अभाव होना―
अगर आप किसी भी पेनी शेयर के बारे में इंटरनेट पर जानकारी ढूंढेगे तो आपको उसके बिजनेस और मैनेजमेंट के बारे में बहुत कम इंफॉर्मेशन मिलेगी.
ऐसे शेयर न्यूज़ में केवल तब आते हैं जब कंपनी ने कोई बड़ी प्रोजेक्ट का अनाउंसमेंट किया होता है शेयर में अचानक से तेजी आना चालू होती है.
आप ऐसा हर एक छोटे शेयर में देखेगे कि उसके बारे में रिसर्च करते समय आपको बहुत कम जानकारी मिलेगी. और यही कारण है कि पेनी स्टॉक्स पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.
2. कम लिक्विडिटी―
लिक्विडिटी का मतलब है किसी शेयर को कितनी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। अगर लिक्विडिटी ज्यादा होती है तो आप किसी भी शेयर को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं.
सबसे ज्यादा लिक्विडिटी ब्लूचिप कंपनियों (निफ्टी50 की कंपनियां की होती है क्योंकि उनमें बहुत सारे निवेशक कौन हैं अपना पैसा लगाया होता है.
जबकि इसके विपरीत पेनी स्टॉक्स की लिक्विडिटी बहुत ही कम होती है क्योंकि इनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है इसीलिए वह किसी सस्ते शेयर को खरीद तो लेते हैं लेकिन उसे बेच नहीं पाते क्योंकि उसमें अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगते रहते हैं और इस प्रकार एक आम निवेशक का पैसा फंस जाता है।
3. ज्यादा वोलैटिलिटी―
वोलैटिलिटी का मतलब है किसी शेयर का दाम कितना ज्यादा ऊपर नीचे होता है.
अगर किसी शेयर का चार्ट बिल्कुल स्मूथ तरीके से चलता है तो वह बहुत कम वोलेटाइल है (उदाहरण के लिए: Pidilite या Wipro) और वहीं अगर कोई स्टॉक बहुत ज्यादा ऊपर नीचे हो रहा है
तो इसका मतलब है कि वह काफी वोलेटाइल है जोकि ज्यादातर penny stocks होते हैं क्योंकि उन्हें खरीदने बेचने वालों की संख्या बहुत कम होती है।
4. ऑपरेटर के द्वारा दाम बढ़ाना या घटाना―
किसी से छोटी कंपनी के शेयर को ऑपरेट करना बहुत आसान होता है.
शेयर को ऑपरेट करने का मतलब है कि कोई भी बड़ा इन्वेस्टर एक साथ बहुत सारे पैसे अगर किसी पेनी स्टॉक में लगा देगा तो हो सके स्टॉक का प्राइस अचानक से बढ़ने लगेगा और ऐसे में लोग भी उसकी तरफ आकर्षित होने लगेंगे.
कई बार तो ऐसे stocks का बेवजह बहुत सारा प्रमोशन किया जाता है जैसे यूट्यूब पर एडवर्टाइजमेंट चलाकर या फिर न्यूज़ आर्टिकल लिखने वाली वेबसाइट को पैसे देकर.
लेकिन अगर आप एक समझदार निवेशक है तो आपको इनके जाल में नहीं फंसना चाहिए और ऐसा आप केवल तभी कर सकते हैं जब आप कंपनी पर अच्छे से रिसर्च करते हैं।
5. तेजी या गिरावट में सबसे ज्यादा प्रभावित होना―
आप हमेशा देखेंगे कि जब भी शेयर बाजार में तेजी या bull run आती है तो सबसे ज्यादा penny stocks ही भागते हैं और एक समय के बाद उनमें अपर सर्किट लगने लगते हैं जिससे कि उन्हें खरीदना मुश्किल हो जाता है।
ठीक इसके विपरीत जब मार्केट में मंदी या फिर गिरावट (bear run) आती है तो सबसे ज्यादा पेनी स्टॉक्स ही गिरते हैं या फिर कुछ छोटी कंपनियां तो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी होती हैं जिनके बिजनेस में कोई दम नहीं होता है ।
पेनी स्टॉक्स पॉपुलर क्यों होते हैं? Why Penny Stocks are so Popular?
वैसे सच तो यह है कि पेनी स्टॉक्स पॉपुलर होते नहीं है बल्कि उन्हें जबरदस्ती पॉपुलर किया जाता है.
अगर किसी शेयर का प्रमोशन बहुत ज्यादा किया जा रहा है तो आपको तुरंत समझ जाना चाहिए कि या तो उस शेयर को ऑपरेटर प्रमोट कर रहे हैं या फिर कोई इंडिविजुअल हाई नेटवर्थ वाला इंसान.
यह लोग शेयर को जबरदस्ती लोगों को सलाह देकर खरीदने को बोलते हैं और एक समय ऐसा आता है जब शेयर का प्राइस उसकी वास्तविक कीमत से बहुत ज्यादा हो चुका होता है और तब ऑपरेटर अपने खरीदे गए सभी शेयरों को बेच देते हैं.
और तब अचानक से उस शेयर में बहुत बड़ी गिरावट देखी जाती है और उसमें डाउन सर्किट लगने चालू हो जाते हैं जिससे कि आप उसे अपनी ब्रोकर एप्प के द्वारा ट्रेड नहीं कर पाते हैं मतलब खरीद बेच नहीं पाते हैं
इस प्रकार आपने जितना पैसा लगाया होता है वह सब डूब जाता है…
और तब आप सोचते हैं कि अगर वही पैसा आपने किसी अच्छे मजबूत कंपनी के शेयर में लगाया होता तो आपका पैसा सुरक्षित तो होता ही साथ ही साथ आपको उस पर अच्छे रिटर्न भी मिल गए होते।
कंपनी पर अच्छे से रिसर्च करें
यह वही बात है जो मैंने ऊपर बताई है कि किसी भी कम राशि के शेयर में निवेश करने से पहले आपको उसकी कंपनी पर थोड़ा बहुत एनालिसिस करना चाहिए जैसे कि
- वह कंपनी क्या करती है?
- कौन सी प्रोडक्ट या सर्विस बेचती है?
- पिछले कुछ सालों में कंपनी ने कैसा प्रदर्शन किया है?
- क्या कंपनी प्रॉफिट कमा पा रही है?
- क्या कंपनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस अच्छे से बेच पा रही है?
- कंपनी की ग्रोथ होने से कौन-कौन सी चीजें उसे रोक रहे हैं?
- कंपनी की बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट जरूर चेक करें क्योंकि इससे आप एक अच्छा और मजबूत पेनी स्टॉक खरीद पाएंगे।